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कंगना रनौत का विक्रमादित्य सिंह पर वार: “हिमाचल में भी है एक पप्पू”

कंगना रनौत का विक्रमादित्य सिंह पर वार: "हिमाचल में भी है एक पप्पू"

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बॉलीवुड की चमक छोड़कर राजनीतिक अखाड़े में कूदी कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक मंच पर एक धमाकेदार प्रवेश किया। मंडी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनावी रण में उतरी कंगना ने मनाली में आयोजित एक जनसभा में विपक्ष पर, विशेषकर विक्रमादित्य सिंह पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने बताया कि “जिस प्रकार दिल्ली में एक पप्पू है, उसी तरह हिमाचल में भी एक पप्पू मौजूद है।” कंगना ने इस बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हिमाचल का पप्पू एक बहुत ही बड़ा ढोंगी है, जो बार-बार झूठे आरोप लगा रहा है कि उन्होंने गोमांस का सेवन किया है। “वह कहता है कि उसने मुझे गोमांस खाते देखा है और उसके पास इसका वीडियो है। यदि वास्तव में उसके पास कोई सबूत है, तो वह इसे प्रस्तुत क्यों नहीं करता?”

गौरतलब है कि विक्रमादित्य सिंह कई बयानों और सोशल मीडिया के माध्यम से कंगना द्वारा गोमांस खाने के मुद्दे को उठा चुके थे। इस वजह से कंगना का हमला काफी जोरदार था।

कंगना ने आगे विक्रमादित्य का नाम लिए बिना उन पर आरोप लगाया कि “वह मुझे कलंकित और अपवित्र कहता है, क्या इसलिए क्योंकि मैंने अपने पिता या मां का नाम इस्तेमाल किए बिना मुंबई में अपनी पहचान बनाई है?”

“जो मुझे डराने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि यह तुम्हारे पूर्वजों की संपत्ति नहीं है, जिससे तुम मुझे धमकी देकर यहाँ से बाहर कर सकते हो,” कंगना ने जनसभा में बोला। उन्होंने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा, “मैं चुनाव में खड़ी होऊंगी, जीतूंगी और हमेशा जीतती रहूंगी…”

कंगना ने इंडिया गठबंधन पर भी कटाक्ष किया, यह कहते हुए कि वे अपने उम्मीदवार के चयन में असमर्थ हैं। “वे भयभीत और सहमे हुए प्रतीत होते हैं। उनके पास अब कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बचा है। यदि वे डरे हुए नहीं होते तो महिलाओं के विरुद्ध इतनी अनाप-शनाप बातें नहीं करते,” उन्होंने जोर दिया। कंगना का मानना है कि उन्होंने सदैव वंशवाद के विरुद्ध संघर्ष किया है और यहाँ भी वे इसका सामना करेंगी।

उनके ये वक्तव्य न केवल विक्रमादित्य सिंह बल्कि संपूर्ण विपक्ष के लिए एक चुनौती के रूप में उभरे हैं। कंगना के इस घोषणा ने हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक नया प्रवाह जोड़ा है, जिससे आने वाले समय में और अधिक राजनीतिक उथल-पुथल की उम्मीद है।

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