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कंगना रनौत के बीफ खाने संबंधी ट्वीट पर फिर से विवाद

KanganaRanaut #BeefControversy

बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री कंगना रनौत अक्सर अपने बेबाक बयानों और सामाजिक मुद्दों पर राय रखने के लिए जानी जाती हैं। कंगना का मण्डी लोकसभा से भाजपा का प्रतियाशी बनने से एक पुराना ट्वीट, जिसमें बीफ खाने की बात कही गई थी, विवाद का फिर से कारण बन गया है। इस ट्वीट के चलते उनके खिलाफ लुधियाना निवासी नवनीत गोपी ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कंगना का यह ट्वीट उनकी और समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। याचिकाकर्ता ने इस ट्वीट को बीफ का सेवन बढ़ावा देने के रूप में प्रस्तुत किया।

ट्वीट पोस्ट में कथित तौर पर लिखा था, “गोमांस खाने या किसी अन्य मांस को खाने में कुछ भी गलत नहीं है। यह धर्म के बारे में नहीं है! यह कोई छिपा तथ्य नहीं है कि कंगना 8 साल पहले शाकाहारी बन गई थीं और उन्होंने योगी बनना चुना। वह अभी भी सिर्फ एक धर्म में विश्वास नहीं करता है। इसके विपरीत उसका भाई मांस खाता है।”

इस मामले में कोर्ट ने कंगना रनौत को बड़ी राहत देते हुए याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने पाया कि उनका ट्वीट किसी भी धारा के तहत दंडनीय अपराध का संकेत नहीं देता, खासकर भारतीय दंड संहिता की धारा 295-A के तहत, जो धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले कृत्यों से संबंधित है। न्यायालय ने कहा कि ट्वीट से यह नहीं लगता कि बीफ के सेवन को बढ़ावा दिया गया है, बल्कि इससे यह व्यक्त होता है कि वे खुद शाकाहारी हैं।

इस विवाद ने एक बार फिर से धार्मिक और खानपान संबंधी चर्चाओं को हवा दी है, जिसमें कंगना रनौत का मण्डी लोकसभा से भाजपा का प्रतियाशी बनना एक मुख्य कारण है। उनके विरोधी इस तरह के विवादित मुद्दों पर उनके बयानों को उनके खिलाफ उजागर कर रहे हैं।

देहरा विधानसभा के रोहित चौहान का कहना है कि कंगना का गोमांस और बाकी मांसों मे फर्क नहीं समझना यह दर्शाता है कि वह भी गोमांस खाती हैं । उनका कहना है कि कंगना के इस तरह के बयान ने करोड़ों सनातन धर्म के लोगों के दिलों को ठेस पहुंचाई है। उनके अनुसार उनके इस बयान के बावजूद उन्हे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा मे बुलाना सरासर गलत था । उन्होंने कहा कि वह कंगना रनौत को मंदिरों मे जाने से रोकने के लिए महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सोपेंगे।

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