राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024, जो प्रतिवर्ष 4 मार्च को मनाया जाता है, वह सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने और व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए समर्पित है। 2024 के लिए इस दिवस की थीम “सुरक्षा नेतृत्व पर ध्यान केंद्रित करना ई.एस.जी. उत्कृष्टता के लिए” है, जो संगठनों में सुरक्षा नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है, जिससे वे अपने ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) प्रदर्शन को बेहतर बना सकें।
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण (SHE) संस्कृति को बढ़ावा देना और कार्य संस्कृति में इसे शामिल करना है। इसके लिए नियोक्ताओं द्वारा उनके कर्मचारियों को SHE गतिविधियों में शामिल करना और उन्हें अपने कार्यस्थलों को सुरक्षित बनाने की अपनी जिम्मेदारियों की याद दिलाना शामिल है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जा सकती हैं, जैसे कि NSD ध्वज फहराना, सुरक्षा प्रतिज्ञा, सुरक्षा बैनर और पोस्टर प्रदर्शित करना, निबंध, नारे, पोस्टर, क्विज़, उपकरण बॉक्स टॉक आदि में सुरक्षा प्रतियोगिताएं, ठेकेदार सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम, PPE प्रदर्शन और प्रतियोगिताएं, प्रदर्शनियां, सड़क शो, प्रशिक्षण कार्यक्रम/कार्यशालाएं/सेमिनार, आपातकालीन ड्रिल आयोजित करना, पुरस्कार समारोह, प्रमुख अतिथि वक्ताओं को आमंत्रित करना, सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम, सुरक्षा फिल्म शो आदि।
इस अवसर पर विभिन्न स्लोगन और पोस्टर भी तैयार किए जाते हैं जो सुरक्षा के महत्व को दर्शाते हैं, जैसे कि “सुरक्षा एक विकल्प नहीं है, बल्कि जीवित रहने की आवश्यकता है”, “अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा चश्मे का उपयोग करें, आंख महत्वपूर्ण हैं” आदि।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के माध्यम से, संगठन सुरक्षा नेतृत्व पर धराष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024: कब और क्यों मनाया जाता है, जानें इतिहास, महत्व और थीम
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस भारत में हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन कार्यस्थलों पर सुरक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरणीय (SHE) संस्कृति को बढ़ावा देने और इसे कार्य संस्कृति में शामिल करने के लिए समर्पित है। इस अवसर पर, संगठनों द्वारा अपने कर्मचारियों को SHE गतिविधियों में शामिल करने के महत्व पर बल दिया जाता है, जिससे वे अपने कार्यस्थलों को और अधिक सुरक्षित बना सकें।
2024 की थीम 2024 के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम “सुरक्षा नेतृत्व पर ध्यान केंद्रित करना ई.एस.जी. उत्कृष्टता के लिए” है। यह थीम संगठनों में सुरक्षा नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है, जिससे वे अपने ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) प्रदर्शन को बेहतर बना सकें।
इतिहास और महत्व राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का आरंभ 4 मार्च 1972 को हुआ था, जब भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् की स्थापना की थी। इस दिन का मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत और संगठनात्मक स्तर पर सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देना है। इस दिवस के माध्यम से, सुरक्षा व्यवस्था में सुधार, दुर्घटनाओं की रोकथाम, और एक सुरक्षित तथा स्वस्थ कार्य पर्यावरण की स्थापना के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाती है।
आयोजित गतिविधियां
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, जैसे:
- NSD ध्वज फहराना
- सुरक्षा प्रतिज्ञा
- सुरक्षा बैनर और पोस्टर प्रदर्शित करना
- निबंध, नारे, पोस्टर, क्विज़, उपकरण बॉक्स टॉक आदि में सुरक्षा प्रतियोगिताएं
- ठेकेदार सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम
- PPE प्रदर्शन और प्रतियोगिताएं
- प्रदर्शनियां, सड़क शो, प्रशिक्षण कार्यक्रम/कार्यशालाएं/सेमिनार
- आपातकालीन ड्रिल आयोजित करना
इस दिवस के माध्यम से, सुरक्षा पेशेवर और विशेषज्ञ नएऔर अभिनव तरीकों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे कार्यस्थल सुरक्षा में सुधार किया जा सके।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस न केवल एक अवसर है जो सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देता है, बल्कि यह व्यक्तिगत और संगठनात्मक स्तर पर सुरक्षा प्रथाओं और नीतियों के महत्व को समझने के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन है। इस वर्ष की थीम “सुरक्षा नेतृत्व पर ध्यान केंद्रित करना ई.एस.जी. उत्कृष्टता के लिए” संगठनों को उनके सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों के प्रति जागरूक बनाने में मदद करती है, साथ ही साथ एक सुरक्षित और स्वस्थ कार्य पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए भी प्रेरित करती है।
इस दिन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी कर्मचारी सुरक्षित और स्वस्थ रहें, जिससे न केवल उनका बल्कि उनके परिवारों का भी भविष्य सुरक्षित हो। इस प्रकार, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस सुरक्षा की ओर एक सजग पहल है, जो हमें याद दिलाता है कि सुरक्षा केवल एक दिन की बात नहीं है, बल्कि यह हर दिन की प्रतिबद्धता है।