हिमाचल प्रदेश के नूरपुर क्षेत्र में नशे के बढ़ते काले कारोबार ने युवाओं को नशेड़ी बनाने के साथ-साथ एचआईवी पॉजिटिव भी बना दिया है। यह चिंताजनक स्थिति पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त जांच में सामने आई है, जिसमें पता चला कि नूरपुर क्षेत्र में सामने आए एचआईवी के मामलों में अधिकतर युवा एक ही सिरिंज से नशा कर रहे थे।
इस खतरनाक प्रवृत्ति ने न केवल युवाओं की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाला है बल्कि उन्हें एचआईवी जैसे जीवन-खतरनाक संक्रमण का शिकार भी बनाया है। जांच में पता चला है कि नूरपुर क्षेत्र में 34 युवा एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनकी उम्र 25 से 30 वर्ष के बीच है।
डॉ. आरके सूद, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, कांगड़ा के अनुसार, “युवाओं में एक ही सिरिंज का बार-बार इस्तेमाल होने के चलते एक से दूसरे में कई अन्य बीमारियां भी प्रवेश कर गई हैं।” इस स्थिति ने नूरपुर क्षेत्र में एक गंभीर स्वास्थ्य संकट को जन्म दिया है।
एचआईवी संक्रमण के बढ़ते मामलों ने न केवल स्वास्थ्य विभाग को चिंतित किया है बल्कि समुदाय के बीच भी एक गहरी चिंता को जन्म दिया है। आशंका है कि क्षेत्र में ऐसे कई और भी युवा होंगे, जो जांच न होने के कारण एचआईवी संक्रमण लेकर घूम रहे होंगे।
समाधान की दिशा में, स्वास्थ्य विभाग ने नूरपुर क्षेत्र में व्यापक जागरूकता अभियान और नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना के साथ-साथ सुरक्षित नशा उपचार प्रोग्रामों को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इसके अलावा, नशे की लत से जूझ रहे युवाओं के लिए एचआईवी परीक्षण और परामर्श सेवाओं को भी मजबूत किया जा रहा है।
इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए समुदाय, स्वास्थ्य विभाग, और पुलिस के सहयोग से एक साझा प्रयास की आवश्यकता है। नूरपुर में नशे के बढ़ते कारोबार और एचआईवी संक्रमण की इस चुनौती का सामना करने के लिए एक व्यापक और समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।