हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर भोले-भाले लोगों से बड़ी ठगी की गई है। मामले की जांच को लेकर प्रदेश सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि क्रिप्टो करंसी के झांसे में आकर लोगों की मेहनत की कमाई के लगभग 500 करोड़ रुपये डूब गए हैं। सरकारी विभागों में भी इसमें निवेश करने वाले कर्मचारियों की संख्या है। विभिन्न जिलों से क्रिप्टो धोखाधड़ी की शिकायतें लगातार मिल रही हैं।
सरकार ने एसआईटी की जांच में धोखेबाजों की धर-पकड़ के लिए छापेमारी कर हिमाचल और जीरकपुर में विभिन्न स्थानों पर 8.5 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। मुख्य आरोपी को जल्द पकड़ने की दावा किया गया है और जांच में सरकारी कर्मचारियों की भी शामिलता का खुलासा हुआ है। ठगी के पैसे से आरोपियों ने करोड़ों की संपत्तियां बनाई हैं।
इस अधिनियम के तहत दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान होने की उम्मीद है, जबकि आरोपितों की मंडी और जीरकपुर में प्लॉट और फ्लैट भी है। इस धोखाधड़ी में दुबई से फरार आरोपी को भी पकड़ने के लिए कठिन प्रयास जारी हैं। अब तक 2500 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई है और पुलिस के निशाने पर 80 ऐसे लोग हैं जो इसमें शामिल हैं।