शिमला, हिमाचल प्रदेश: शिमला के समरहिल शिव मंदिर हादसे में बदबू की समस्या सृजित हो गई है और शवों की खोज के लिए नई रणनीति का आना शुरू हो गया है। अब बचाव दलों को भूभागों में विभाजित किया गया है, ताकि एक ही जगह पर बार-बार खुदाई न करनी पड़े और सम्पूर्ण क्षेत्र की छानबीन की जा सके।
इसके लिए पानी को एक स्थान पर इकट्ठा करके फायर ब्रिगेड की गाड़ियों में लगे पाइपों की मदद से पत्थरों के बीच की खोज की जा रही है। इसके साथ ही, गीली मिट्टी को छानने का प्रयास भी किया जा रहा है, क्योंकि यह सुझाव दिया गया है कि शव दलदल के नीचे फँसी हो सकती हैं।
जिन परिवारों के सदस्यों के शव मिलने में देरी हो रही है, वे मौके पर अपनी भावनाओं को निकाल रहे हैं, इसके कई संबंधित या चुके हैं।
इस समय, बचाव दल के अधिकारी भी अपने जवानों के हौसलों को बुलंद रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, और SDRF DSP गुलशन नेगी जैसे ऑफिसरों ने इस कार्य में बड़ा हिस्सा लिया है। अधिकारी भी मेहनतकश जवानों और स्थानीय लोगों के साथ मिट्टी में हाथ डाल कर शवों को ढूँढने का प्रयास कर रहे हैं, और इस खोज मिशन को बढ़ावा देने के लिए कई अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं।