जिला दंडाधिकारी अपूर्व देवगन ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1993 की धारा 144 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपमंडल सलूणी में चार से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठे होने, किसी भी प्रकार की बैठक, जुलूस, रैली, धरने-प्रदर्शन के आयोजन को प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश तुरंत प्रभाव से आगामी 7 दिनों तक प्रभावी रहेंगे और प्रतिकूल परिस्थितियों के दौरान इस आदेश को आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
जारी आदेश में कहा गया है कि संघणी, किहार तथा सलूणी में स्थानीय निवासियों के बीच उपजे विवाद के दृष्टिगत कानून व्यवस्था की स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा ये आदेश जारी किए गए हैं। आगे आदेश में कहा गया है लोगों द्वारा प्रदर्शन और जुलूस आयोजित करने से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न होने की आशंका तथा जान-माल की सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी संप्रदाय के प्रति अपमानजनक और भेदभावपूर्ण टिप्पणी नहीं कर सकता है।
इसके साथ किसी भी मीडिया के माध्यम से व्यक्ति विशेष द्वारा अभद्र टिप्पणी नहीं करने को कहा गया है, जो सांप्रदायिक तनाव का कारण बनता है। आदेश के उल्लंघन की अवस्था में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा। गौरतलब है कि उपमंडल में मनोहर लाल नामक युवक का शव क्षत-विक्षत दशा में बरामद हुआ था, जिसके उपरांत जिले के लोग आक्रोशित हैं।