रोजाना24,चम्बा 26 मई : लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सम्भाल रहे जल शक्ति विभाग की उस समय पोल खुल गई जब स्वास्थ्य विभाग भरमौैर द्वारा एकत्रित किए गए पेयजल के नमूने उनकी लैब में फेल हो गए । पेयजल के सैम्पल फेल होने की जानकारी मिलते ही मुख्यालय के लोगों में विभाग की कार्यप्रणाली के प्रति रोष उत्पन्न हो गया है।
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ अंकित शर्मा ने कहा कि अस्पताल में मरीजों में उत्पन्न लक्ष्णों के आधार पर उन्होंने अस्पताल के चिकित्सकों की एक टीम के माध्यम से मुख्यालय की घनी आबादी वाले स्थानों को मुहैया करवाई जाने वाली पेयजल सप्लाई से कुछ नमूने एकत्रित कर टांडा स्थित विभागीय प्रयोगशाला में जांच हेतु भेजे थे जिनका परिणाम निराशाजनक रहा है उन्होंने कहा कि सभी आठों सैम्पल के परिणाम असंतोषजनक पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में मुख्याचिकित्सा अधिकारी चम्बा व अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग भरमौर को आगामी कार्यवाही हेतु सूचित किया गया है। उन्होंने मुख्यालय को लोगों को पानी उबालकर पीने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य विभाग ने यह नमूने चौरासी मंदिर मुख्य द्वार,चौरासी मंदिर परिसर, मंदिर परिसर में रखी गई टंकियों,रावमापा भरमौर, गर्ल्स हॉस्टल,एक दुकान से, पर्यटन विभाग के होटल गौरीकुंड व नागरिक अस्पताल भरमौर से एकत्रित किए थे।
उधर इस बारे में अधिशासी अभियंता भरमौर हिमेंदर चौणा ने कहा कि विभाग द्वारा सामान्य रूप से पेयजल परीक्षण किया जाता है लेकिन विभाग की जांच में कभी पेयजल के सैम्पल फेल नहीं हुए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा करवाई पेयजल नमूनों के परीक्षण पर सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग ने नमूने कब, कैसे व कहां से एकत्रित किए व उन्होंने कैसे उपकरणों का उपयोग किया जलशक्ति विभाग को इसमें संदेह है। उन्होंने कहा कि लोगों के संतोष के लिए वे फिर से जल परीक्षण करवाएंगे और उसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी शामिल करेंगे।
पेयजल सैम्पल फेल होने की जानकारी मिलने पर स्थानीय समाज सेवी जैसी राम ठाकुर, मोति राम शर्मा व व्यापार मंडल ने जलशक्ति विभाग की कार्यप्रणाली को लापरवाही पूर्ण बताते हुए कहा कि वे वर्षों से दूषित पेयजल के मुद्दे को सरकार व प्रशासन के सामने लाते रहे हैं लेकिन उनकी बातों को गम्भीरता से नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग अपनी गलतियों पर हमेशा से पर्दा डालता आ रहा है । जिस कारण लोगों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस पेयजल में कई प्रकार की बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया, फंगस व वायरस मौजूद हो सकते हैं जो लोगों को धीरे धीरे संक्रमित कर गम्भीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं । उन्होंने सरकार से मांग की है कि वे मामले की जांच कर लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाए व लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें।