क्या है अप्रैंटिसशिप एक्ट,कैसे मिलता कम्पनियों,विभागों व प्रशिक्षुओं को इससे लाभ ? पढ़ें पूरी खबर

रोजाना24 चम्बा 08 मई : राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भरमौर में आज प्रधानमंत्री राष्ट्रीय अप्रैंटिसशिप (प्रशिक्षुता) मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में 20 प्रशिक्षुओं का नेप्स पोर्टल पर पंजीकरण किया गया। 

इस अवसर पर संस्थान के प्रधानाचार्य विपिन शर्मा ने अप्रैंटिसशिप एक्ट 1961 व नेप्स 2016 के बारे में विस्तार से व्याख्या की। उन्होंने कहा कि सभी जिन सरकारी, गैर सरकारी व निजि संस्थानों में  कर्मचारियों की संख्या 30 से अधिक है उनके लिए नेप्स पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना आवश्यक है। संस्थान में कार्यरत कुल संख्या का 2.5 से 15 प्रतिशत संख्या अप्रैंटिसशिप प्रशिक्षुओं की सुनिश्चिति करें। अप्रैंटिसशिप एक्ट 1961 की अनुपालना हेतू न किसी अनुमति व न ही रिक्त पदों की आवश्यकता है।

 उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में चम्बा जिला के उपायुक्त,बहुतकनीकी, परिवहन निगम, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आदि कार्यालयों में 20 अप्रैंटसशिप कार्यरत हैं।जबकि नागरिक अस्पताल भरमौर व आईटीआई  में भी एक एक अप्रैंटिसशिप के माध्यम से सेवाएं ली जा रही हैं। 

उन्होंने सरकारी विभागों व जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में जुटी कम्पनियों से अपील की कि वे इस अप्रैंटसशिप एक्ट को प्रभावी बनाने में साकारात्मक भूमिका निभाएं। अप्रैंटिसशिप एक्ट पूर्णतया लागु होने से विभाग व कम्पनियों को सुगमता होगी। उन्होंने कहा कि इसकी पूरी प्रक्रिया ऑनलाईन है जिसमें पंजीकृत प्रशिक्षु को 7000 हजार रुपये मासिक वजीफा दिया जाता है जबकि 1500 रुपये मासिक सरकार द्वार विभागों को नवीनीकरण मूल्य के रूप में जारी किया जाता है। इस प्रकार कम्पनी व विभागों को 5500 रुपये मासिक वजीफे के खर्च पर एक प्रशिक्षित अप्रैंटसशिप एक साल के लिए उपलब्ध हो जाता है। जबकि अप्रैंटिस के कार्य अनुभव के साथ साथ कार्यकुशलता में भी वृद्धि होती है।

क्या है अप्रैंटिसशिप ?

अप्रेंटिस का अर्थ है प्रशिक्षु यानी कि वह उम्मीदवार जो किसी संस्था में एक छात्र की तरह वहां के कार्य सीखता है, ट्रेनिंग करता है और प्रशिक्षण प्राप्त करके अपने स्किल, योग्यता को बढ़ाता है। कभी-कभी उस प्रशिक्षु को उसी संस्था में नौकरी भी प्राप्त हो जाती है। उम्मीदवारों को अपनी ट्रेनिंग के दौरान संसथान से कुछ रूपये भी प्राप्त होते हैं, इसको स्टाइपेंड कहा जाता है और इस ट्रेनिंग को अप्रेंटिसशिप कहा जाता है।

   देश भर में 50 संस्थानों में हर माह के दूसरे सोमवार को एसे अप्रैंटिसशिप मेले का आयोजन होता है। राष्ट्रीय अप्रैंटिसशिप एक्ट 1961 की अनुपालना व राष्ट्रीय अप्रैंटिसशिप प्रमोशन योजना 2016 के प्रति जागरूकता के लिए इस मेले का आयोजन प्रदेश के चार आईटीआई में आज इस मेले का आयोजन किया गया है। मेले में नायब तहसीलदार भरमौर देवेंदर गर्ग, सहायक अभियंता लोनिवि विशाल चौधरी, वन मंडल अधिकारी नरेंदर ठाकुर,तहसील कल्याण अधिकारी विकास पखरेटिया सहित कई अन्य कर्मचारी अधिकारियों ने भाग लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *