जानलेवा साबित हो सकता है भूस्खलन प्रभावित स्थान पर निर्मित किया जा रहा प्रंघाला नाला पुल – एडवोकेट करण शर्मा

रोजाना24, चम्बा 12 अगस्त : हिमाचल प्रदेश में इस समय मणिमहेश यात्रा हो रही है लेकिन भरमौर – हड़सर के बीच स्थित प्रंघाला नाला में बार-बार भूस्खलन के कारण सड़क मार्ग अवरुद्ध हो रहा है। जिस कारण प्रशासन को बार- बार यात्रा पर रोक लगानी पड़ रही है।

मणिमहेश यात्रा के दौरान ही नहीं अपितु पिछले चार वर्षों से स्थानीय लोगों के लिए भी यह उफनता नाला समस्या का कारण बना हुआ है। तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों ने इस नाले पर सुरक्षित पुल तैयार करने के लिए लोनिवि को निर्देश दिए तो लोनिवि ने बाधित स्थल के पास वैली ब्रिज निर्मित करने का कार्य शुरू कर दिया। लोनिवि द्वारा पुल निर्माण के लिए चयनित स्थान पर उस समय लोगों ने आपत्ति जताई कि चयनित स्थान के एक छोर पर अक्सर भूस्खलन होता रहता है। इसलिए पुल को सुरक्षित स्थान पर बनाया जाना चाहिए। लोगों के विरोध के बावजूद लोनिवि ने स्वयं निर्धारित स्थल पर पुल निर्माण का कार्य जारी रखा फलस्वरूप पुल के एक छोर पर आए दिन भूस्खलन होता रहा व निर्माण कार्य बंद होता रहा। इस दौरान लोनिवि नाले के आसपास की जमीन खोद कर यातायात बहाल करने के लिए कामचलाऊ व्यवस्था करता रहा।

चार वर्षों बाद अब जबकि पुल स्थापना के अब अंतिम चरण में है तो भूस्खलन के कारण गिर रही चट्टानों व पेड़ों के कारण इस पुल को क्षति पहुंच रही है। पिछले तीन दिन में पुल दो बार क्षतिग्रस्त हो चुका है।

पुल निर्माण स्थल चयन को लेकर अधिवक्ता करण शर्मा ने नायब तहसीलदार भरमौर के माध्यम से मुख्यमंत्री हिप्र को शिकायत पत्र प्रेषित करके मांग की है कि इस पुल के निर्माण स्थल में लोनिवि अधिकारियों ने भू-परीक्षण में लापरवाही बरती है जिससे सरकारी धन आवश्यकता से अधिक खर्च हो रहा है व पुल निर्माम कार्य में भी विलम्ब हो रहा है। उन्होंने कहा कि लोनिवि ने जिद दिखाते हुए पुल का कार्य़ पूरा कर भी लिया तो उसे यात्रियों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी लेनी होगी।

उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस मामले में लोगों की जान को जोखिम में डाला जा रहा है इसलिए इस पुल निर्माण कार्य के लिए अपनाई गई तकनीक की जांच की जाए व लापरवाही सामने आने पर जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।

इस संदर्भ में लोनिवि अधिशासी अभियंता संजीव महाजन की मानें तो उक्त वैली ब्रिज निर्माण स्थल की पुख्ता जांच की गई है। अगर इस पुल को निर्माण स्थल से पीछे प्रस्तावित किया जाता है तो इसकी लम्बाई बड़ जाएगी जिससे पुल असुरक्षित हो जाएगा।

लोनिवि के तथ्यों के बाद लोगों का कहना है अगर सुरक्षित स्थल पर पुल की लम्बाई तकनीकी खामी पैदा करती है तो है वैली ब्रिज के बजाए स्टील ट्रस ब्रिज या अन्य तकनीक से पुल बनाया जा सकता है।

गौरतलब है कि पुल को इस वर्ष मणिमहेश यात्रा से पूर्व तैयार करने की मांग की गई थी।