रोजाना24, चम्बा 18 जुलाई : भरमौर के चैरासी मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। माना जाता है कि इस स्थान पर 84 देवी-देवताओं के मंदिर एक साथ स्थापित हैं जिस कारण इसका नाम चौरासी पड़ा है। चौरासी नाम पड़ने की और कारण भी हो सकते हैं लिहाजा हम सीधे मुद्दे पर आते हैं। सथानीय मंदिर पुजारी एडवोकेट करण शर्मा ने आज उपमंडलाधिकारी को एक शिकायत पत्र सौंपते हुए मामले की जांच करने की मांग की है।
अधिवक्ता करण शर्मा बताते हैं कि बीते वर्ष से चौरासी मंदिर परिसर की पवित्रता व निजता बनाए रखने के उद्देश्य से इसके चारों ओर से दीवार लगाई जा रही है व मंदिरों को परिक्रमा दीवार के भीतर सुरक्षित व पवित्र बनाया जाएगा। उन्होंने लोनिवि की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि इस परिक्रमा दीवार का निर्माण जिस उद्देश्य को लेकर किया जाना निश्चित हुआ था वह पूरा होता नहीं दिख रहा । परिक्रमा दीवार का उद्देश्य था कि सभी मंदिरों को इस दीवार के भीतर रखा जाएगा व परिसर में केवल श्रद्धालु व पुजारियों के प्रवेश के लिए सीमित संख्या में द्वार रखे जाने थे । लेकिन विभाग ने चौरासी परिसर में विशेष महत्व के शीतला माता मंदिर को ही दीवार से बाहर कर दिया है। विभागीय सहायक अभियंता को कई बार मौके पर इस बारे में अवगत करवाकर मंदिर को परिक्रमा दीवार के भीतर रखने की मांग की लेकिन वे लोगों की आस्था से जुड़ी इस मांग को गम्भीरता से नहीं ले रहे हैं।
करण शर्मा ने कहा कि प्रशासन ने मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए परिक्रमा दीवार निर्मित करने का उचित फैसला लिया है लेकिन इसको निर्धारित तरीके से निर्मित नहीं किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि शीतला माता मंदिर को भी दीवार के भीतर रखकर चौरासी मंदिर परिसर के नाम को सार्थक बना रहने दिया जाए । उन्होंने कहा कि प्रशासन ने समय रहते अगर सार्थक कदम न उठाए तो स्थानीय लोगों को विरोध प्रदर्शन व न्यायलय का सहारा लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।