रोजाना24, चम्बा 13 जुलाई : जलशक्ति विभाग द्वारा भरमौर में पेयजल स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने की पोल उस वक्त खुल गई जब अर्जुन कुमार के घर में नल से अंतड़ियां निकल आईं।
भरमौर निवासी अर्जुन कुमार नलके से पानी भर रहे थे कि नलके में पहले पानी कम होना शुरु हुआ तो जल्दी ही बंद भी हो गया । उन्होंने समझा कि शायद जलशक्ति विभाग ने किसी मुरम्मत कार्य
हेतु पानी की आपूर्ति बंद की होगी ।अपनी शंका को पुख्ता करने के लिए पड़ोसियों से पूछा तो पता चला कि बाकि घरों में नल से पानी आ रहा है । जिसके बाद अर्जुन ने नल की टोंटी को खोला तो उसमें किसी जानवर की अंतड़ियों का गुच्छा बाहर आ गिरा । पेयजल में ऐसी घिनौनी चीज मिलने से परिवार व आसपड़ोस के लोगों को बड़ा सदमा लगा है ।
उन्होंने स्थानीय लोगों के सामने मामले को रखा । जिसके बाद पंचायत समिति सदस्य भरमौर बिक्रम कपूर की अगुआई में एक प्रतिनिधि मंडल ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर के समक्ष इस मामले की शिकायत की। विक्रम कपूर ने कहा कि भरमौर में जलशक्ति विभाग की कार्यप्रणाली सबसे घटिया स्तर की है । यहां पेयजल में कचरा व केंचुए आने की शिकायत अधिशाषी अभियंता से दर्जनों बार की जा चुकी है लेकिन वे लोगों की शिकायतों पर कोई गौर नहीं करते । उन्होंने कहा कि लोग स्वच्छ पेयजल को लेकर विभाग पर आंखमूंद विश्वास करने को बाध्य हैं लेकिन विभाग को लोगों के स्वास्थ्य व आस्था को लेकर कोई चिंता नहीं दिख रही। नल से जानवर की अंतड़ियां निकलना कोई मामूली घटना नहीं है । उन्होंने मांग की कि जलशक्ति विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए । प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि विभाग ने एक सप्ताह के भीतर अगर स्वच्छ पेयजल रिपोर्ट जारी नहीं की तो हम विभागीय कार्यालय के सामने धरना देने के लिए बाध्य होंगे।
पंचायत समिति सदस्य ने कहा कि जलशक्ति विभाग द्वारा मुहैया करवाए जा रहा पेयजल चौरासी मंदिरों सहित तमाम मंदिरों में पूजा में उपयोग किया जाता है । नल से ऐसी गंदगी निकलने के बाद लोगों की आस्था व विश्वास को भी अघात लगा है ।
स्थानीय लोगों के अनुसार भरमाणी नामक जल स्रोत के पास बने स्नान कुंड में श्रद्धालु नहाते हैं जिसके बाद वह पानी उसी नाले में मिल जाता है जिसे जलशक्ति विभाग द्वारा नड्ड नामक स्थान पर पेयजल भंडारण टैंकों में एकत्रित कर लोगों को मुहैया करवाया जाता है।
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर निशांत ठाकुर ने भरोसा दिलाया कि
इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी ।
उधर विभागीय अधिशाषी अभियंता से इस बारे में उन
का पक्ष
जानने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया ।