पुरातत्व महत्व के इस मंदिर में बने प्राचीन चित्रों के नाम पर बचे हैं रंगों के कुछ धब्बे मात्र

रोजाना24,चम्बा 21 अप्रैल :  चम्बा जिला के छतराड़ी गांव स्थित धार्मिक व पुरातत्व महत्व के शक्ति माता मंदिर के भित्ति चित्र व लकड़ी के बने ढांचा का भारी क्षरण हो रहा है ।  पुरातत्व विभाग ने समय रहते अगर इसका समाधान न किया तो प्राचीन धरोहर इतिहास बन जाएगी ।

विकास खंड मैहला के छतराड़ी गांव में छठी शताब्दि का बना शक्ति माता मंदिर है। पुरातत्व विभाग की देखरेख में शामिल इस मंदिर को देखने के लिए देश-विदेश से हजारों लोग छतराड़ी पहुंचते हैं। धार्मिक महत्व के इलावा अपनी अदभुत काष्ट कला व भित्ति चित्रों के लिए भी यह मंदिर प्रसिद्ध है। करीब डेढ हजार वर्ष पूर्व बने इस मंदिर का क्षरण आरम्भ हो चुका है। मंदिर के बाहरी भाग की लकड़ी गलने लगी है तो गर्भगृह की दीवारों में दरारें आ गई हैं । यही नहीं मंदिर के गर्भगृह दीवार के बाहरी ओर बने प्राचीन भित्ति चित्रों की हालत ऐसी हो गई है कि चित्रों के नाम पर यह रंगों के कुछ धब्बे मात्र नजर आते हैं। इन चित्रों नृसिंह भगवान द्वारा ह्रण्यकश्यप वध, भगवान कृष्ण की विभिन्न लीलाओं को दर्शाते चित्र भी मौजूद थे।

मंदिर की बिगड़ती स्थिति को देखकर मंदिर पुजारी व स्थानीय लोग काफी निराश हैं। ग्राम पंचायत प्रधान महंदो राम बताते हैं कि उन्होंने मंदिर के भित्ति चित्रों को संरक्षित करने व मंदिर के खराब हो रहे भागों की मुरम्मत करने के लिए पुरातत्व विभाग को पंचायत की ओर से प्रस्ताव भी भेजा है लेकिन विभाग की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया होती नहीं दिख रही । उन्होंने कहा कि पुरातत्व विभाग न तो यहां पर स्वयं कार्य करता है व न स्थानीय लोगों को कार्य करने देता है जिस कारण मंदिर की हालत दिन व दिन खराब हो रही है।

इस बारे में मंदिर में तैनात पुरातत्व विभाग द्वारा तैनात कर्मचारी तेज सिंह से मंदिर की स्थिति पर विभागीय कार्रवाई के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी समय समय पर मंदिर का निरीक्षण करने आते रहते हैं। उन्हें मंदिर की परिस्थिति का ज्ञान है । उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी मंदिर के खराब हो रहे भागों का जीर्णोद्धार करने की प्रक्रिया पर कार्य कर रहे हैं ।