रोजाना24,चम्बा 11 नवम्बर : काश ! केवल संस्थान की छत व दीवारें बनाने से शिक्षा मिल जाती तो कितना अच्छा होता लेकिन वास्तव में शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों की आवश्यकता होती है ।
एक तो कोविड के कारण राजकीय महाविद्यालय भरमौर संस्थान के दरवाजे लम्बे समय तक विद्यार्थियों के लिए बंद रहने के कारण उनकी शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ा है वहीं दूसरी ओर संस्थान में प्राध्यापकों के अभाव के कारण छात्र यहां दाखिला लेकर पछता रहे हैं ।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस संस्थान के खाली पड़े पदों को जल्द भरने के लिए एक बार फिर सरकार को ज्ञापन भेजा है । एबीवीपी कैम्पस अध्यक्ष राहुल ठाकुर की अगुवाई में छात्र संगठन के एक प्रतिनिधि मंडल ने उपमंडलाधिकारी भरमौर के माध्यम से संस्थान के खाली पदों को भरने के लिए सरकार को ज्ञापन सौंपा।
संगठन अध्यक्ष राहुल ठाकुर ने कहा कि भरमौर संस्थान में विज्ञान संकाय की कक्षाएं आज तक शुरु नहीं की गई हैं जबकि कला व वाणिज्य संकायों के प्राध्यापकों के कई पद रिक्त हैं । एक प्रध्यापक अपने विशेष विषय के अलावा अन्य विषयों को पढ़ा रहे हैं जिससे भले ही प्राध्यापकों की काबीलियत व सेवा समर्पण झलकता हो लेकिन यह शिक्षा के साथ समझौता है ।
उन्होंने कहा कि प्रध्यापकों की कमी के कारण अन्य प्राध्यापकों पर बढ़े अतिरिक्त कार्यबोझ के कारण पाठ्यक्रम को बस किसी तरह निपटाया जा रहा है ।
उन्होंने कहा कि संस्थान में राजनीतिक विज्ञान का पद खाली है जबकि लागत लेखांकन,कम्पनी कानून,निगमित लेखांकन,वित्तीय लेखांकन, व्यवसायिक अर्थशास्त्र विषयों को एक ही प्राध्यापक द्वारा पढ़ाया जा रहा है। संस्थान के खाली पदों को भरने के लिए पूर्व में भी कई बार प्रशासन व स्थानीय विधायक से मांग की गई है ।
प्रतिनिधि मंडल ने सरकार से मांग की है कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए यहां के खाली पदों को जल्द भरा जाए ।