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लौहल से भरमौर पहुंच गए भेड़ पालक लेकिन तालों में बंद उन उतारने की मशींने नहीं निकली बाहर !

रोजाना24,चम्बा 18 सितम्बर : भेड़ पालक लौहल स्पिति से भरमौर वापिस पहुंच चुके हैं लेकिन भेड़ों की ऊन उतारने की मशीनें अभी तालों में ही बंद हैं । जबकि सरकार ने वबल फेडरेशन व भेड़ विकास विभाग को भोड़ पालकों के भ्रमण पथ पर उन्हें समय रहते तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए तैनात कर रखा है।भेड़ पालक ऊन उतरवाने के लिए दर दर भटक रहे हैं। 

जनजातीय उपमंडल भरमौर के भेड़ पालकों का वार्षिक भ्रमणपथ लौहल स्पीति से कांगड़ा,ऊना व पंजाब के विभिन्न भागों तक है जोकि भरमौर क्षेत्र से होकर गुजरता है। गर्मियों में लौहल की ओर जाते व वापिस लौटते हुए भेड़ पालक दो बार भेड़ों की उन उतारने के लिए भरमौर क्षेत्र में रुकते हैं।यहां भेड़ों की ऊन उतारने के लिए सरकार द्वारा वूल फेडरेशन व भेड़ विकास विभाग के माध्यम से मशीनें स्थापित की जाती हैं ताकि भेड़ पालक समय रहते भेड़ों की उन उतार कर अपने रेवड़ को लेकर आगे बढ़ सकें । सरकार भी भेड़ पालकों की सुविधाओं के लिए हर सम्भव मदद करने के लिए तैयार रहती है।

 भेड़ पालक लौहल से भरमौर पहुंच चुके हैं लेकिन इस वर्ष न तो वूल फैडरेशन की ओर से व न ही भेड़ विकास विभाग की ओर से उन उतारने की मशीनें स्थापित की गई हैं । भेड़ पालक वुल फेडरेशन के पालमपुर स्थित कार्यालय के बड़े अधिकारियों तक को फोन करके सहायता की गुहार लगा चुके हैं लेकिन अधिकारी हैं कि कान में तेल डालकर सोए लग रहे हैं। ग्राम पंचायत सचूईं के बड़े भेड़ पालक रामदास बताते हैं कि वे दो सप्ताह से भेड़ विकास व वुल फेडरेशन के अधिकारियों से ऊन उतारने की मशीनें उपलब्ध करवाने की गुहार कर रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि उनके आगामी पड़ाव तक पहुंचने में देरी हो रही है।

उधर इस बारे में ग्राम पंचायत सचूईं के प्रधान संजीव ठाकुर ने सरकार से मांग की है कि भरमौर में भेड़ पालकों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। भेड़ पालक हर रोज पंचायत के माध्यम से सरकार से ऊन उतारने की मशीनें स्थापित करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने पशुपालन मंत्री से मांग की कि चम्बा जिला के भेड़ पालकों के लिए ऊन उतारने की मशीनों की तुरंत व्यवस्था की जाए। 

गौरतलब है कि भरमौर भेड़ पालकों का मूल स्थान है इसिलिए वे अपनी भेड़ों की ऊन यहां उतरवाना सुविधाजनक समझते हैं। मुख्यालय में भरमाणी,गरीमा,घरेड़,हरछू,होली आदि स्थानों पर हर वर्ष में दो बार ऊन उतारने की मशीनें स्थापित की जाती हैं। वूल फेडरेसन तो अपनी मशीनें स्थापित नहीं कर पाया यहां भरमौर मुख्यालय में भी भेड़ों से उन उतारने की मशीनें होने व उन्हें चलाने के लिए प्रशिक्षित युवाओं की संख्या भी पर्याप्त मात्रा में होने के बावजूद परेशानी बनी हुई है। 

इस बारे में हमने भेड़ विकास सहायक निदेशक भरमौर राकेश भंगालिया से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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