…वो एक पेटी सेब जो हथेली में समा गए

रोजाना24,चम्बा,5 मई : क्या गुजरी होगी  अक्षय के दिल पर जब उसने पेड़ के नीेचे गिरे सेब के दर्जनों नन्हें फलों को हथेली में समेटा होगा । इस वर्ष से की फसल बेचकर कर घर की छत मुरम्मत करवाने की आस थी जोकि बरसात में टपकती रहती है । अक्षय जैसे सैकड़ों बागवान हैं जिनके सपनों   व जरूरतों को बर्फ ने जला डाला है ।

गत सप्ताह हुए हिमपात के कारण इस वर्ष होने वाली सेब की पैदावार पर भारी मार पड़ी है । बेमौसम हिमपात के कारण झुलस चुके सेब के नन्हें फल अब पेड़ों से गिर रहे हैं । बागवान वर्ष घर का खर्च चलाने वाली इस नकदी फसल के बरबाद होने से मायूस हैं ।

बगवानों न सरकार से प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़े इस सेब फसल के नुक्सान पर राहत राशी जारी करने की मांग की है ।

उल्लांसा के बागवान अक्षय कुमार का कहना है कि हिमपात के कारण झुलस कर गिरे इन फलों को देखकर बहुत दुख हो रहा है क्योंकि पूरा वर्ष भर इनपर बहुत मेहनत व पैसा खर्च किया गया था ।

विधिक छात्र एंव बागवान अभिषेक शर्मा ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व भी भरमौर क्षेत्र में हिमपात के कारण बागवानों के हजारों फलदार पौधे जमींदोज हो गए थे लेकिन आज तक उनके लिए मुआवजा जारी नहीं किया गया । जबकि उद्यान विभाग का कहना है कि नुक्सान की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर अतिरिक्त जिलादंडाधिकारी कार्यालय में सौंपी जा चुकी है ।

उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि बागवानों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुक्सान का जल्द मुआवजा दिया जाए ।