रोजाना24,ऊना, 23 अप्रैल : प्रदेश में फर्जी कम्पनी बना कर टैक्स चोरी करने का मामला प्रकास में आया है। राज्य कर एवं आबकारी विभाग ऊना द्वारा गगरेट स्थित एक फर्म को गलत तरीके से तीन अन्य फर्जी फर्माें से अपने लिए खरीद दिखाकर टैक्स चोरी के मामले में 4 करोड़ 35 लाख, 90 हजार रूपये ब्याज के साथ-साथ 13 करोड़ 2 लाख 41 हजार अस्वीकार्य आईटीसी तथा इतने ही जुर्माना राशि सहित कुल लगभग 30 करोड़ 40 लाख 72355 राशि वसूल करने की मांग की गई है।
यह जानकारी देते हुए संयुक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी मध्यम प्रर्वतन क्षेत्र ऊना राकेश भारतीय ने बताया कि गत अगस्त माह में निरीक्षण के दौरान पाया गया कि जीएसटी पोर्टल के माध्यम से गगरेट की एक फर्म अनुचित तरीके से फर्जी फर्मों से अपने लिए खरीद दिखा रही हैं जो भौतिक रूप से अस्तित्व में थीं ही नहीं। इस तथ्य को फर्म के सीईओ ने शपथ पत्र देकर कबूल कर लिया है कि ये तीनों फर्में उन्होंने अनुचित रूप से आईटीसी का लाभ लेने के लिए पंजीकृत करवाईं हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले की गहनता से जांच के दौरान एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी सामने आया कि फर्जी तीनों फर्मों के एक निदेशक के नाम पर भूमि क्रय की गई, जिसकी जानकारी निदेशक को भी नहीं थी। अन्य दो फर्मों के निदेशकों के जीएसटी पोर्टल पर दर्शाए गए पतों की लुधियाना में जाकर जांच की गई तथा वे भी वहां नहीं पाए गए। इसके अतिरिक्त दो ऐसी फर्में जिन्हें यह फर्म सामान बिक्री करती थीं, वे भी फर्जी पाई गईं और तीन फर्मे जिनसे खरीद करती थी, वे भी जांच में फर्जी पाईं गईं।
उन्होंने बताया कि इस मामले में फर्म द्वारा बैंक से ऋण लेने के लिए जाली बिल जारी किये गये तथा जीएसटी की बहुत बड़ी चोरी का मामला सामने आया। इस मामले में फर्म ने अक्तूबर 2018 से लेकर अगस्त 2020 तक किसी भी स्तर पर कोई जीएसटी नहीं दिया तथा सर्कुलर बिलिंग करके लगभग 99 प्रतिशत बिल आपस में जारी करके टैक्स की बड़े स्तर पर चोरी को अंजाम दिया गया।
राकेश भारतीय ने बताया कि जीएसटी में 5 करोड़ से अधिक टैक्स की चोरी का मामला होने के कारण धारा 132(5) में जीएसटी के अन्तर्गत यह अपराध संज्ञेय व गैरजमानती बनता है तथा इस फर्जीवाड़े में शामिल लोगों मुख्यतः फर्म के सीईओ के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जा रही है।