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खुल गया वो मंदिर जहां रहता है हर वर्ष साढ़े चार माह का 'लॉकडाऊन'

रोजाना24,चम्बा 13 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र  भरमौर के कुगति नामक स्थान में कार्तिक देवता का प्रचीन मंदिर स्थापित है।यूं तो गद्दी समुदाय भगवान शिव के विशेष उपासकों में माने जाते हैं लेकिन शिव के साथ साथ उनके ज्येष्ठ पुत्र कार्तिक व शक्ति माता पार्वती के प्रति भी उनकी उतनी ही आगाध श्रद्धा है। 

कार्तिक देवता का मंदिर इस जनजातीय क्षेत्र के पूर्वी छोर पर लौहल स्पिति जिला की सीमा पर स्थित है। माना जाता है कि कार्तिक देवता लौहल स्पिति जिला से एक गद्दी भेड़ पालक के मेंढे के सींग पर सवार होकर कुगति घाटी पहुंचे और यहां की शांत प्रकृति में यहीं ठहर गए। बैशाख मास के शुरु होते ही कार्तिक के मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाता है। लेकिन 30 नवम्बर मार्गशीर्ष की एकादशी को फिर से मंदिर के द्वार सबके लिए बंद कर दिए जाते हैं।और आगामी साढे चार माह तक मंदिर लॉकडाऊन में रहता है। मंदिर को लॉाकडाउन में रखने के बारे में कई किवदन्तियां हैं लेकिन इन्हें तर्कों की कसौटी पर जांचने पर पता चलता है कि वर्ष भर श्रद्धालुओं व पर्यटकों द्वारा यहां की प्रकृति में हस्ताक्षेप के कारण आए बदलाव को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से मंदिर को सभी के लिए बंद कर दिया जाता है।

मंदिर पुजारी दलीप शर्मा ने कहा कि आज 13 अप्रैल बसोआ पर्व व सक्रांति के अवसर यह मंदिर पूजा अर्चना के लिए खोल दिया गया है । साढ़े चार माह तक प्रकृति के हवाले किए गए कुगति के वन्य प्राणी अभयारण्य में स्थित इस देवालय में आज मंदिर खोलने के अवसर पर बहुत से श्रद्धालु पहुंचे हुए थे । कार्तिक मंदिर के समीप ही उनकी बहन देवी मोराली  का भी प्रतीकात्मक मंदिर स्थापित है श्रद्धालुओं ने यहां भी पूजा अर्चना कर अपने ईष्ट देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए खूब भजन कीर्तन किया।

कुगति के अलावा आज भरमाणी माता मंदिर में भी श्रद्धालुओं की काफी संख्या रही। स्थानीय लोगों के अलावा पड़ोसी राज्य के अन्य भागों से भी श्रद्धालु यहां पहुंचे हुए थे।

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