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पर्यटन व आजीविका को गति प्रदान करेंगे रेन शैल्टर्स,हाईवे किनारे बौल से लठियाणी तक बनाए जा रहे हैं रेन शैल्टर्स, 4 बनकर तैयार

 रोजाना24,ऊना 5 दिसम्बरः बौल से लठियाणी तक जाते हुए बंगाणा उपमंडल में बनाए जा रहे नए रेन शैल्टर्स आपका ध्यान अवश्य खीचेंगे। हाईवे किनारे बनाए जा रहे आकर्षक रेन शैल्टर्स न सिर्फ यहां की खूबसूरती को चार चांद लगा रहे हैं, बल्कि पर्यटन व आजीविका को भी गति प्रदान करेंगे। स्टील से निर्मित किए जा रहे रेन शैल्टर्स में बस की प्रतीक्षा करने वाले यात्रियों के बैठने की उचित व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त यहां पर कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले पर्यटक स्थलों को भी आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे कुटलैहड़ में पर्यटन को बल मिलेगा। इसके अलावा यहां पर एक आउटलेट भी खोला जाएगा, जहां पर स्थानीय स्वयं सहायता समूहों अपने उत्पाद को बिक्री के लिए रख सकेंगे। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी तथा उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए उचित स्थान प्राप्त होगा। इस आउटलेट पर किसी भी एक स्वयं सहायता समूह का एकाधिकार नहीं होगा तथा पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर उन्हें आउटलेट उपलब्ध होंगे।इसके अलावा रेन शैल्टर्स के साथ ही बायो टॉयलेट्स भी निर्मित किए जा रहे हैं ताकि जगह-जगह गंदगी न फैले तथा हाईवे के किनारे यात्रियों के लिए शौचालय की व्यवस्था हो सके। इससे स्वच्छता का संदेश भी जन-जन तक पहुंचेगा।

 2.70 लाख रुपए से बनेगा रेन शैल्टर इस संबंध में बीडीओ बंगाणा यशपाल सिंह परमार ने बताया कि रेन शैल्टर्स का निर्माण ग्रामीण विकास विभाग कर रहा है तथा प्रत्येक रेन शैल्टर के निर्माण पर लगभग 2.70 लाख रुपए की धनराशि व्यय की जा रही है। बौल से लठियाणी तक 10 रेन शैल्टर्स तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें से चार का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।

 कुटलैहड़ में निर्मित हो रहा आधुनिक बुनियादी ढांचा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में अनेकों रमणीक स्थल हैं, जहां पर वीकेंड टूरिज्म को प्रोत्साहित किया जा रहा है। चंडीगढ़ व पंजाब के नजदीक होने की वजह से काफी संख्या में पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं। रेन शैल्टर्स के माध्मय से इन पर्यटक स्थलों को प्रचारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन के लिए कुटलैहड़ में मजबूत बुनियादा ढांचा तैयार हो रहा है तथा निश्चित रूप से आने वाले समय में इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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