साढ़े 4 माह के लिए बंद हुए केलंग वजीर मंदिर के द्वार

रोजाना24,चम्बा,30 नवम्बर, 2020ः चम्बा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर के कुगति स्थित कार्तिक देवता के मंदिर द्वार आज श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए।रीति रिवाज के अनुसार आज कार्तिक मंदिर पुजारियों ने सुबह की पूजा अर्चना के बाद कुछ देर श्रद्धालुओं के लिए खुला रखा ।जिसके उपरांत मंदिर के द्वार विधिवत रूप से बंद कर दिए गए।मंदिर पुजारी दलीप शर्मा बताते हैं कि अब यह मंदिर अगले वर्ष वैशाखी पर्व पर खुलेगा।

गद्दी समुदाय देवताओं में असीम श्रद्धा रखता है इसलिए यहां बहुत से देवताओं की पूजा की जाती है।यहां देवपूजा के लिए विशेष समय निर्धारण तो नहीं है लेकिन सर्दियों के समय यहां मंदिरों में पूजा अर्चना नहीं की जाती। हालांकि 84 मंदिर इसका अपवाद हैं।इस परम्परा की शुरुआत के विषय में कहा जाता है कि इस समय भगवान शिव मृत्युलोक का संचालन भगवान नृसिंह (भगवान विष्णु) को सौंप कर योगसाधना में तल्लीन हो जाते हैं।ऐसे में उनके गद्दी उपासक सर्दियों में भगवान शिव की अनुपस्थिति मान कर अंदरोल बंदकर  मंदिरों में जाना बंद कर देते हैं।क्षेत्र के बहुत से मंदिरों में यह अलिखित परम्परा का निर्वहन किया जाता है।जिनमें से केलंंग का मंदिर भी एक है।

धार्मिक आस्था व मान्यताओं के साथ साथ इसका व्यवहारिक पहलु यह भी है कि नवम्बर माह के बाद लोग प्रकृति में अपना हस्ताक्षेप बंद कर उसे फिर पुनर्निर्माण के लिए छोड़ देते हैं। ताकि वर्ष भर भेड़ बकरियों,मवेशियों के चराने,जंगलों से इमारती व इंधन की लकड़ी,औषधीय पौधे निकालने जैसे कार्य करने के बाद प्रकृति को काफी जख्म पहुंचते हैं।अंदरोल बंद करने की परम्परा का निर्वहन कर यह समुदाय प्रकति की रक्षा भी कर रहा है ऐसे में वन विभाग व प्रशासन को ऐसी परम्पराओं की पालना करवाने में समाज का सहयोग करना चाहिए।

स्थानीय लोगों की मान्यता अनुसार मंदिर कपाट बंद करने से पूर्व परम्परा अनुसार जल से भरा लोटा कार्तिक प्रतिमा के सम्मुख रख दिया गया है जिसे साढे चार माह बाद खोल कर द्खा जाएगा।उस वक्त लोटे में जल की मात्रा आगामी मौसम का मिजाज बताएगी।

बहरहाल इस घाटी में हिमपात होने के कारण मंदिर द्वार बंद करने की रस्म पर कुगति व अन्य स्थानीय लोगों के अलावा ज्यादा श्रद्धालु भी नहीं पहुंचे थे।