रोजाना24,ऊनाः मौसमी विषमताओं से फसल के संभावित नुकसान से किसानों व बागवानों को होने वाली आर्थिक हानि की भरपाई हेतु सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा तथा पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना कार्यान्वित की है। इन योजनाओं के बारे में जि़ला के किसानों को जागरुक करने के उद्देश्य से उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने आज एक मोबाइल वैन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। पंद्रह दिसम्बर तक चलने वाले इस जागरुकता अभियान के अन्तर्गत जि़ला ऊना के प्रत्येक गांव को कवर किया जाएगा। ऊना में मक्की, धान, आलू, आम व नींबू का होगा बीमाउपायुक्त ने बताया कि जि़ला ऊना में इन योजनाओं के तहत खरीफ की फसलें मक्की, धान व आलू तथा फलों में आम व नींबू प्रजाति को शामिल किया गया है। आम की फसल के लिए किसानों को 20 दिसम्बर तक पंजीकरण करवाना होगा, जबकि नींबू प्रजाति के लिए पंजीकरण तिथि 14 फरवरी निर्धारित की गई है। खरीब की फसल का बीमा पंजीकरण किसान 31 अगस्त तक करवा सकेंगे। 5 वर्ष से अधिक आयु के आम व नींबू के पेड़ों का बीमा किया जा सकेगा। कैसे करवाएं बीमाकिसान लोक मित्र केंद्र बैंक शाखा तथा सीधे सरकार को पोर्टल के माध्यम से अपना पंजीकण करवा सकते हैं। जबकि जिन किसानों ने कृषि ऋण ले रखा है, उनको बैंक के माध्यम से पंजीकृत होंगे। इसके अलावा टोल फ्री नम्बर 1800116515 पर भी संपर्क कर सकते हैं।किस स्थिति में मिलेगा क्लेमडीसी राघव शर्मा ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण खड़ी फसल की पैदावार में कमी होने पर, जलभराव, ओलावृष्टि, भूस्खलन, बादल फटना व आसमानी बिजली से प्राकृतिक आग के कारण खड़ी फसल के नुकसान पर, फसली कटाई के 14 दिनांक तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई कटी फसल का चक्रवात, चक्रवातीय वर्षा, बे-मौसमी वर्षा तथा ओलावृष्टि के अलावा कम वर्षा अथवा विपरीत मौसम की परिस्थितियों के कारण फसल न बीजी जाने पर इन योजनाओं के अन्तर्गत किसानों को क्लेम दिया जाता है। उपायुक्त ने बताया कि ओलावृष्टि के काराण होने वाले नुकसान के लिए कृषक व बागवान को 72 घंटों के भीतर बैंक अथवा बीमा कार्यालय को सूचित करना अनिवार्य है।इस अवसर पर उपनिदेशक बागवानी सुभाष चन्द, जि़ला कृषि अधिकारी संतोष शर्मा, भारतीय कृषि बीमा कंपनी के जि़ला प्रबन्धक कपिल विश्वकर्मा व फील्ड सुपरवाइज़र मोहन कुमार उपस्थित थे।