कक्षाएं शुरू होने से पहले बिना विकल्प दिए ही तोड़ दिया भरमौर का महाविद्यालय भवन

रोजाना24,चम्बा : प्रदेश सरकार ने आज से महाविद्यालय व अप्पर एलिमैंटरी कक्षाओं को सामान्य रूप से शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है।

सात माह बाद सामान्य कक्षाएं शुरू होने की खुशी में छात्र छात्राएं व अध्यापक वर्ग भी सुबह महाविद्यालय भरमौर पहुंचे लेकिन महाविद्यालय भवन की दुर्दशा देख सब हैरान रह गए। नये भवन निर्माण कार्य शुरू करने के उद्देश्य से उस भवन को भी तोड़ दिया गया था जहां महाविद्यालय के कार्यालय व कक्षाएं चलाने के लिए सीमित जगह बची थी। सुबह जब स्टाफ वहां पहुंचा तो उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि हाजिरी लगाने के लिए रजिस्ट्र तक कैसे पहुंचा जाए।

वहीं छात्र छात्राएं भी परिसर में एक दूसरे का मुंह ताकते रहे, प्रवक्ताओं से बातचीत कर वे घर लौट गए।

वहीं महाविद्यालय स्टाफ उपमंडलाधिकारी भरमौर के समक्ष  शिकायत लेकर पहुंचा।जहां उन्हें अन्य स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था करवाने का आश्वासन दिया गया।उपमंडलाधिकारी भरमौर मनीष सोनी ने हालात की गम्भीरता को देखते हुए महाविद्यालय परिसर का निरीक्षण किया। जिसके बाद उन्होंने महाविद्यालय की कक्षाओं व स्टाफ के लिए साडा सराय भवन के ऊपरी मंजिल में बने हॉल,मणिमहेश युवक मंडल के सराय भवन (जहां एक निजि स्कूल चल रहा है) व रावमापा भरमौर में व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि संस्थान के गैर जरूरी सामान को निर्माणाधीन भवन के निर्मित हो चुके कमरों में रखा जाएगा।

महाविद्यालय कार्यकारी प्रधानाचार्य लेखराज ने कहा महाविद्यालय प्रशासन ने स्थानीय प्रशासन को महाविद्यालय भवन को तोड़ने से पूर्व वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की थी.लेकिन प्रशासन ने कोई व्यवस्था करवाने से पूर्व ही महाविद्यालय भवन को तोड़ दिया है जिस कारण विद्यार्थी व स्टाफ सड़क पर कक्षाएं लगाने की स्थिति में पहुंच गए हैं।

उपमंडलाधिकारी भरमौर द्वारा विकल्प उपलब्ध करवाए जाने के बाद संस्थान के प्रधानाचार्य ने कहा कि अगले दो दिन तक कक्षाएं चलाना मुश्किल है क्योंकि जिन स्थानों पर कक्षाएं चलाने के विकल्प दिए गए हैं वहां पर बैठने व अन्य शैक्षणिक सामग्री पहुंचाने में भी वक्त लगेगा।

इस अवसर पर मौजूद लोनिवि के सहायक अभियंता ने कहा कि महाविदयालय प्रशासन ने उक्त संस्थान भवन को तोड़ने के लिए निविदा करवाई गई है इसीलिए इस भवन को तोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के सामान को विभाग द्वारा महाविद्यालय प्रशासन की मांग अनुसार रखवा दिया जाएगा।

गौरतलब है कि महाविद्यालय भरमौर के नये भवन का निर्माण कार्य चल रहा है और नये भवन के निर्माण के लिए पुराने भवन का तोड़ा जाना भी आवश्यक था।लेकिन इस भवन को तोड़ने से पूर्व न तो महविद्यालय प्रशासन को पूर्व सूचना दी गई व न ही महाविद्यालय प्रशासन के किसी प्रतिनिधि की उपस्थिति में भवन को तोड़ा गया।भवन को तोड़े जाने के दौरान संस्थान रिकॉर्ड,आवश्यक सामान,कम्पयूटर व अन्य डाटा सिस्टम को क्या क्षति पहुंची है इस बारे में अभी किसी को कोई जानकारी नहीं है।प्रधानाचार्य का कहना है कि वे सामान तक पहुंच ही नहीं सकते तो कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं।उन्होंने कहा कि क्षेत्र में मौसम हिमपात होने की सम्भावना बनी हुई है। ऐसे में संस्थान का सारा रिकॉर्ड खराब होने की सम्भावना बनी हुई है। हालांकि संस्थान के रिकॉर्ड व सामान को हुए नुक्सान के लिए संस्थान ने भी पुलिस या दंडाधिकारी के पास कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है।

यहां यह बताना भी आवश्यक है कि महाविद्यालय परिसर में 25 लाख रुपये की लागत से बने प्री-फैब्रीकेटड भवन को भी तोड़ दिया गया है। ऐसे में प्रश्न यह है कि जब प्रशासन व सरकार को पता था कि उक्त स्थान पर संस्थान का नया भवन बनने जा रहा है तो इतनी बड़ी राशी क्यों खर्च की गई।