प्रदेश सरकार ने 149 निराश्रित बच्चों को दी 2,500 रुपए प्रतिमाह सहायता

रोजाना24,ऊना ः अंब ब्लॉक के बागडू गांव में चार वर्षीय बालक वंश की देखभाल कर रही उनकी दादी ज्ञानो देवी को बाल-बालिका सुरक्षा योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया है। ज्ञानो देवी 2500 रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर तथा उपायुक्त ऊना संदीप कुमार का धन्यवाद करती हैं। योजना के अन्य लाभार्थी 15 वर्षीय श्रुति तथा 14 वर्षीय उसके भाई अंकित के मामलों को भी बाल कल्याण समिति ने मंज़ूरी दी है। दोनों भाई-बहन अपनी बुआ के घर में रहते हैं। उनके फूफा गुरनाम सिंह बताते हैं कि बच्चों की मां का देहांत हो गया है और पिता जेल में हैं। उनकी मां का निधन होने के बाद वह बच्चों को परवरिश के लिए अपने घर ले आए। समिति से उनकी सहायता का केस स्वीकृत हो गया है, जिसके लिए वह प्रदेश सरकार के आभारी हैं।

जि़ला बाल संरक्षण अधिकारी शाम कुमार मल्होत्रा बाल-बालिका सुरक्षा योजना के बारे में बताते हुए कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश सरकार निराश्रित बच्चों के अभिभावकों को हर बच्चे की देखभाल के लिए 2500 रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। दो हज़ार रुपए अभिभावक के बैंक अकाउंट में जाते हैं, जबकि बच्चे के नाम पर 500 रुपए की एफडी बनाई जाती है। सरकार की यह सहायता उसे 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक प्रदान की जाती है। सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान करने के बाद नियमित अंतराल पर घरों में जाकर निरीक्षण भी किया जाता है। 

सभी अनाथ और असहाय बच्चे इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त ऐसा बच्चा, जिसके पिता का देहांत हो गया हो और माँ ने दूसरी शादी कर ली हो तथा जो बच्चे की देखभाल करने में असमर्थ हो या जिस बच्चे की मां का देहांत हो गया हो और पिता या माता-पिता दोनों जेल में हों या जिस बच्चे के माता-पिता दोनों एचआईवी पॉजि़टिव हों, इस योजना का लाभ उठा सकता है। 

जि़लाधीश संदीप कुमार बताते हैं कि बाल-बालिका योजना के तहत कई आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन पर बाल विकास समिति जल्द ही फैसला लेगी। जि़ला के पात्र व्यक्ति या उनके अभिभावक इस योजना का लाभ लेने के लिए जि़ला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। प्रदेश सरकार निराश्रित बच्चों को 2500 रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान करती है, ताकि रिश्तेदारों के साथ रहकर उनका पालन-पोषण अच्छे माहौल में हो सके।