रोजाना24,चम्बा : प्रदेश सरकार द्वारा द्वारा पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए सशर्त मंदिरों के द्वार खोलने के बाद जनजातीय क्षेत्र भरमौर में भी पर्यटक पहुंचने लगे हैं.लेकिन यह पर्यटक मंदिर परिसर में पहुंचने के लिए निर्धारित दिशा निर्देशों की पालना नहीं कर रहे हैं.
देश व प्रदेश के विभिन्न भागों से भरमौर पहुंच रहे लोग न तो मास्क पहन रहे व न ही मंदिरों में प्रवेश के नियमों की पालना कर रहे हैं.चौरासी मंदिर परिसर के जिन मंदिरों में ताले नहीं हैं वहां पर्यटक प्रतिमाओं के साथ गलबहियां डालकर फोटो खिंचवा रहे हैं.जबकि नियमानुसार पुजारी कि सिवाए किसी को भी मंदिर के भीतर प्रवेश करने की अनुमति नहीं है.व न ही प्रतिमाओं को छूने की अनुमति है.ऐसे में कोविड-वायरस भरमौर में किसी भी माध्यम से पहुंच सकता है या पर्यटक ऐसी लापरवाही से यहां से भी वायरस अपने साथ ले जा सकते हैं.
गौरतलब है कि प्रशासन ने मंदिरों में प्रवेश से पूर्व श्रद्धालुओं व पर्यटकों की थर्मल सक्रीनिंग,व उन्हें सैनिटाइज करने के निर्देश दे रखे हैं लेकिन यह निर्देश व्यवहारिक होते नहीं दिख रहे.क्षेत्र में सैकडो़ं लोगों की बिना मास्क आवाजाही से स्थानीय लोग कोविड-19 के खतरे से आशंकित भी हैं.लोगों ने प्रशासन व पुजरियों से मांग की है कि वे इस विषय को गम्भीरता से लें अन्यथा यह वायरस पूरे समाज को चुपके से संक्रमित कर जाएगा तो प्रशासन स्थिति को काबू भी नहीं कर पाएगा.
गौरतलब है कि भरमौर मुख्यालय में अब पर्यटकों के साथ साथ राज्य से बाहर के फेरी वाले व अन्य कामगार भी पहुंच रहे हैं.
पुलिस थाना प्रभारी भरमौर नीतिन चौहान का कहना है कि सार्वजनिक स्थलों पर बिना मास्क घूमने वाले लोगों के चालान भी काट रही है तो वहीं उन्हें मास्क पहनने के लिए प्रेरित भी कर रही है.उन्होंने कहा कि मास्क पुलिस से पकड़े जाने के लिए न पहने बल्कि स्वयं व अपने परिवार को कोरोना से बचाने के लिए मास्क जरूर पहनें.