रोजाना24,पठानकोट(समीर गुप्ता)ः कोरोना संक्रमण के चलते देश के स्कूल पिछले पांच महीने से बंद पड़े हैं इस वजह से छात्रों को आनलाइन माध्यम से पढ़ाया जा रहा है । इस व्यवस्था की गुणवत्ता को जानने के लिए एनसीईआरटी ने अपने तौर पर देशभर मे एक सर्वे करवाया और इस सर्वे में 34000 लोगों की राय ली गई जिसमें छात्र, अभिभावक, अध्यापक और प्रिन्सिपल शामिल थे।
इस सर्वेक्षण मेंपाया गया कि लगभग 27% छात्रों के पास अपना स्मार्ट फोन/ लैपटॉप नहीं है 28% छात्र बिजली और मोबाइल की रेंज को लेकर चिंतित पाए गए । आनलाइन पढ़ाई के लिए जो बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर चाहिए सर्वे में उसका आभाव पाया गया । इसके अलावा साइंस और गणित के छात्र आनलाइन पढ़ाई के माध्यम से सबसे अधिक चिंतित दिखाई दिए उनका मानना था कि इन सब्जेक्ट्स में बहुत अधिक सिद्धांत/ प्रैक्टिकल प्रैक्टिस की जरूरत होती है इसके लिए अध्यापक के साथ लगातार संवाद की जरूरत होती है जो आनलाइन माध्यम से संभव नहीं है ।
जानकार मानते हैं कि कोरोना वायरस की स्थिति में आनलाइन व्यवस्था ही स्कूली पढ़ाई का एकमात्र तरीका है ।परन्तु इसमें स्टूडेंट और टीचर के बीच का संवाद पर्याप्त मात्रा में होना संभव नहीं है जिसका साइंस और गणित के छात्रों को निश्चित रूप से अधिक नुकसान हो रहा है इसलिए सरकार को छात्रों के बेहतर भविष्य को लेकर कोई ठोस रणनीति बनानी होगी ।