कड़वे अनुभवों के बाद मिला जन्माष्टमी स्नान का मधुर प्रसाद-मणिमहेश यात्री

रोजाना24,चम्बाः विश्व प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा का पहला जन्माष्टमी स्नान आज पूरा हो गया।जन्माष्टमी स्नान के लिए जम्मू कश्मीर के 63 श्रद्धालुओं के साथ साथ कुछ स्थानीय लोगों ने भी मणिमहेश झील में जन्माष्टमी पर्व पर डुबकी लगाई।

मणिमहेश स्नान का अनुभव भद्रवाही श्रद्धालुओं के लिए खट्टा मीठा रहा।सरकार प्रशासन की अनुमति लेकर भरमौर पहुंचे परदेसी यात्रियों को भरमौर प्रशासन ने खूब परेशान किया गया।जम्मू कश्मीर से मणिमहेश यात्रा पर पहुंचे राहुल सन्नी ने कहा कि पहले तो भरमौर प्रशासन ने केवल 15 लोगों को यात्रा की अनुमति दी। जिस कारण हम जम्मू कश्मीर राज्य की 45 छड़िओं को मणिमहेश यात्रा से वंचित होने का समय आ गया था। सन्नी ने कहा कि डोडा जिला के उपायुक्त ने फिर से हस्ताक्षेप करते हुए उन्हें मणिमहेश यात्रा की अनुमति दिलवायी।

यात्रियों ने कहा कि भीड़ भाड़ से परे जन्माष्टमी स्नान का ऐसा अवसर ऊन्हें पहली बार मिला है।गिनती के कुछ श्रद्धालुओं ने बिना किसी की टोक-टाक के जी भर कर स्नान किया व कैलाश दर्शन किए।

इस दौरान श्रद्धालुओं ने पूजा स्थल के पास पारम्परिक भद्रवाही नृत्य भी किया। यात्री दोपहर बाद हड़सर से अपने वाहनों से वापिस लौट गये।यात्रियों ने बताया कि भरमौर प्रशासन के व्यवहार से उन्हें काफी ठेस लगी है।यात्रा के लिए जो निर्णय बाद में लिया गया वह पहले भी लिया जा सकता था।बहरहाल मणिमहेश यात्रा का पहला स्नान निपटाने के बाद अब राधाष्टमी स्नान में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर ध्यान लगाना शुरू कर दिया है।