रोजाना२४,चम्बा : कल ११अगस्त को मणिमहेश झील मेंं जन्माष्टमी स्नान की वेला है और सैकड़ों मील दूर जम्मू कश्मीर से मणिमहेश यात्रा पर पहुंचे श्रद्धालु भरमौर प्रशासन से फिर से यात्रा की अनुमति लेने के लिए फरियाद लगा रहे हैं.लेकिन उपमंडलाधिकारी भरमौर ने केवल पंंद्रह लोगों को ही मणिमहेश जाने की अनुमति दी है.आज शाम रोजाना २४ ने जब खुले चौरासी परिसर के मंदिरों में जम्मू कश्मीर के इन श्रद्धालुओंं से बातचीत की तो छड़ी के साथ आए राहुल सन्नी ने कहा कि डोडा जिला के तीन उपमंडलों से जो श्रद्धालु मणिमेहश यात्रा पर जा रहे हैं उन्होंने यात्रा की अनुमति लेने के प्रयास जिलाधीश डोडा से एक माह पूर्व ही शुरू कर दिए थेे. जिसके तहत उन्होंने कोविड-१९ की नेगेटिव रिपोर्ट भी प्रस्तुत की व एक वाहन में केवल तीन लोग ही यात्रा पर निकले.उन्होंने कहा कि डीएसपी सलूणी उन्हें लेने के लिए जम्मू कश्मीर-हिमाचल प्रदेश की सीमा तक गए थे लेकिन भरमौर से अब उन्हें मणिमहेश नहीं जाने दिया जा रहा.उन्होंने कहा कि उपमंडलाधिकारी भरमौर ने केवल पंद्रह लोगों को यात्रा की अनुमति दी है लेकिन भरमौर में चालीस पैंतालीस यात्री अपनी छड़ियों के साथ बैठे हैं.
इस दौरान जम्मू कश्मीर के भलेश उपमंडल के मनमोहन सिंह ने कहा कि गत रविवार शाम को चौरासी मंदिर परिसर में कुछ स्थानीय लोगों ने एसडीएम भरमौर पर हमें मणमहेश जाने की अनुमति न देने का दवाब बनाया गया तभी हमें यह अनुमति नहीं दी गई.
उधर इस बारे में उणमंडलाधिकारी भरमौर मनीष सोनी ने कहा कि वे कोविड-१९ के तहत निरधारित नियमों की पालना कर रहे हैं.जिसके तहत भरमौर न्यास ने मणिमहेश यात्राा के आयोजन की पूर्णतया पाबंदी लगाने का फैसला लिया था.और जिला प्रशआसन को इस बारे में अवगत भी करवाया गया था.उन्होंने कहा कि उनके पास जे एँड के राज्य के डोडा जिला से ५३ यात्रियों की सूचि हैं जिनमें से उन्होंने निर्धारित १५ लोगों के नाम चयन कर हमें दिए थे जिन्हेंं मणिमहेश जाने की अनुमति दी गई है.उपमंडलाधिकारी ने कहा कि यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए पुलिस यात्रा मार्ग पर रैंडम तरीके से पड़ताल करेगी.
वहीं इस मामले में मणिमहेश न्यास के सद्स्य एंव वरिष्ठ् नागरिक मोति राम शर्मा ने कहा कि मणिमहेश न्यास ने इस वर्ष यात्रा बंद रखने का निर्णय लेते हुए किसी भी यात्री को यात्रा अनुमति न देने का फैसला लिया था जिसमें यात्रा के पारम्पिरक रीतियों को निभाने के लिए कुछ स्थानीय चेलों व पुजारियों को जन्माष्टमी व राधाष्टमी पर मणिमेहश यात्रा् पर भेजने का निर्णय लिया था.न्यास के इस निर्णय के बावजूद पड़ोसी राज्य के श्रद्धालुओंं को यात्रा की अनुमति देना कोविड-१९ के खतरे को बढ़ाने जैसा है.उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य के श्रद्धालु तीन दिन से खुले चौरासी मंदिर परिसर के विभिन्न मंदिरों में ठहरे हैं.और वे स्थानीय बाजार से अपनी आवश्यक वस्तुओंं की खरीददारी भी कर रहे हैं.ऐसे में वे सीधेे स्थानीय लोगों के सम्पर्क में आ रहे हैं.मोति राम शर्मा ने कहा कि अबकि सैकड़ों मील से चलकर शिव भक्त भॐमौर पहुंच ही चुके हैं तो उन्हे भरमौर रोकना उचित फैसला नहीं होगा क्योंकि भरमौर मुख्यालय में रह कर वे स्थानीय लोगों के सम्पर्क में आएँगे जिससे कोविड-१९ के संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ेगा.मोति राम शर्मा ने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि इन यात्रियों को अलग ग्रुप में मणिमहेश रवाना कर दे व यात्रा से लौटते ही उन्हें हड़सर से ही जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना कर दिया जाए.
सूत्रों का कहना है कि डीसी चम्बा ने भरमौर प्रशासन को जम्मूू कश्मीर से आए सभी यात्रियों को मणिमहेश जाने देने के नये निर्देश दिए गए हैं.