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११अगस्त को सुबह ९:०७ बजे से शुरू होगा मणिमहेश का जन्माष्टमी स्नान -पं ईश्वर दत्त.

मणिमहेश झील में स्नान करते श्रद्धालुओं का फाईल फोटो

रोजाना२४,चम्बा : विश्व प्रसिद्ध मणिमहेश का जन्माष्टमी स्नान इस वर्ष ११ अगस्त २०२० को सुबह ९:०७ बजे से शुरू होगा जोकि १२ अगस्त बुधवार दोपहर ११:०६ बजे तक होगा.क्षेत्र के प्रसिद्ध ज्योतिष पं ईश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि इस वर्ष भगवान कृष्ण के जन्म समय ११ अगस्त रात्री अष्टमी में मनाया जाएगा.व्रत का परायण १२अगस्त दोपहर १२ बजे किया जाएगा.उन्होंने कहा कि इस अवधि में किया गया हर कार्य सफल व फलदायी है.

जन्माष्टमी पर्व रात ही क्यों मनाया जाता है ? सभी त्योहार सुबह शाम या दोपहर को मनाए जाते हैं लेकिन जन्माष्मी पर्व रात्री को मनाया जाता है.पर्व के रात्री में शुरू होने की भी रोचक कथा है.ईश्वर दत्त बताते हैं कि इसका मुख्य कारण भगवान का मध्यरात्री में जन्म लेना है.जिसके बारे में हर कोई जानता है लेकिन कृष्ण भगवान ने मध्यरात्री को ही क्यों जन्म लिया इसकी रोचक कथा है.उन्होंने कहा कि भआगवत कथा अनुसार भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल नवमी में हुआ था.वह पूर्णवसु नक्षत्र दोपहर १२:०५ मिनट का समय था तो सूर्य काल में सभी देवताओं ने भगवान के सर्वप्रथम दर्शन कर लिए चन्द्रमा ने भगवान से अपनी उपेक्षा होने की शिकायत कर दी.चंद्रमा ने भगवान से शिकायत करते हुए कहा कि सब देवताओं को दर्शन देने के बाद मुझे दर्शन के लिए सबसे पीछे रखा.तब भगवान राम ने कहा कि जब में कृष्ण रूप में आऊँगा तो सबसे पहले आपको दर्शन दूंगा.और इसिलिए भगवान कृष्ण ने मध्यरात्री जन्म लेकर चंद्रमा को सबसे पहले दर्शन देकर कृतार्थ किया था.ईश्वर दत्त ने कहा कि जन्माष्टमी के इस पर्व पर सभी कार्य मंगलदायी हैं.

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