रोजाना24,ऊना: हिमाचल प्रदेश की जय राम ठाकुर सरकार बाल-बालिका सुरक्षा योजना के तहत अनाथ और असहाय बच्चों के पालन-पोषण तथा देखभाल के लिए पालक अभिभावकों को प्रति माह 2,000 रूपए की सहायता राशि प्रदान करती है। ऐसे बच्चों के नाम हर माह 500 रूपए की एफडीआर भी बनाई जाती है। कहीं ग़रीबी और अभाव, अनाथ और असहाय बच्चों से उनका बचपन न छीन ले, इसलिए जय राम सरकार उन्हें हर माह यह आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। इन बच्चों को यह आर्थिक सहायता 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक प्रदान की जाती है। ये बच्चे बालिग होते ही एफडी में जमा धनराशि प्राप्त करने के हक़दार हो जाते हैं। एफडी में पहले हर माह 300 रुपए जमा किए जाते थे। लेकिन संवेदनशील जय राम सरकार ने 22 जुलाई, 2020 से इसे बढ़ाकर 500 रूपए प्रतिमाह कर दिया है। बाल-बालिका सुरक्षा योजना का मुख्य उद्देश्य अनाथ तथा असहाय बाल-बालिकाओं को जि़ला बाल संरक्षण अधिकारी की निग़रानी में पालन के लिए किसी संपन्न पारिवारिक वातावरण में रखना है ताकि उन्हें बाल-बालिका आश्रमों में प्रवेश के लिए बाध्य न होना पड़े। योजना के तहत वर्ष 2016 से अब तक जि़ला ऊना के लगभग 200 बच्चों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जा चुका है। वर्तमान में 148 बच्चे इस योजना का लाभ ले रहे हैं और इस पर 2.32 करोड़ रूपए की धनराशि व्यय की जा चुकी है।बच्चों की पात्रताजि़ला कार्यक्रम अधिकारी, आईसीडीएस सतनाम सिंह बताते हैं कि अनाथ और असहाय बच्चे इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त ऐसा बच्चा जिसके पिता का देहांत हो गया हो तथा मां ने दूसरी शादी कर ली हो और जो बच्चे की देखभाल नहीं करती हो या जिस बच्चे की मां का देहांत हो गया हो और पिता या माता-पिता दोनों जेल में हों या जिस बच्चे के माता-पिता दोनों एचआईवी पॉजि़टिव हों, इस योजना का लाभ लेने के पात्र हैं। माता-पिता की पात्रताजि़ला बाल संरक्षण अधिकारी शाम लाल मल्होत्रा कहते हैं कि इस योजना का लाभ लेने वाले दंपत्ति एवं बच्चा दोनों हिमाचल के स्थाई निवासी होने चाहिए। पालक माता-पिता की कुल आयु 105 वर्ष से अधिक और दंपत्ति परिवार की आमदन 5,000 रूपए प्रतिमाह से कम नहीं होनी चाहिए। लेकिन अगर बच्चे का भरण-पोषण दादा-दादी या नाना-नानी कर रहे हैं, तो उन पर आयु तथा आमदन की शर्त लागू नहीं होगी। इस योजना में दंपत्ति तथा परिवार में रहने वाले सदस्यों को एचआईवी, टीबी तथा हेपेटाइटस-बी जैसी बिमारियों की चिकित्सा रिपोर्ट प्राप्त करनी होगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए पालना परिवार को बच्चे की बेहतर देखभाल की लिखित सहमति प्रदान करनी होगी। ऐसा न होने पर दत्तक ग्रहण एजेन्सी उनसे बच्चे वापिस ले सकती है।अनिवार्य दस्तावेज़इस योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेजों में पंचायत प्रमाण-पत्र, शपथ प्रमाण-पत्र, हिमाचली प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र, मृत्यृ प्रमाण-पत्र, जन्म प्रमाण-पत्र, राशन कार्ड, परिवार की नकल, आय प्रमाण-पत्र, संयुक्त खाता नंबर (बच्चे सहित पालक माता या पिता) और दो पासपोर्ट साइज़ फोटो शामिल हैं। इन दस्तावेज़ों सहित जि़ला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय या दूरभाष नंबर 01975-225850 तथा 9418115932 पर संपर्क किया जा सकता है।