रोजाना24,चम्बाः देश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भरमौर के श्री मणिमहेश न्यास की संरचना व कार्य प्रणाली पर स्थानीय लोगों ने ही प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं।
न्यास के लिए बनाई कार्यकारिणी को स्थानीय लोगों ने लोकतांत्रित तरीके से चुनने की मांग की है।इस बारे में भरमौर स्थित 84 मंदिर परिसर में ग्राम पंचायत भरमौर,सचूईं,घरेड़ आदि के लोगों ने भाग लिया।अभिषेक शर्मा ने बैठक के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में शारीरिक दूरी बनाए रखने का नियम का कड़ाई पालन किया गया।उन्होंने कहा कि भरमौर के चौरासी मंदिर,मणिमहेश,भरमाणी माता मंदिर के लिए जो न्यास गठित किया गया है इसका संचालन नियमानुसार नहीं हो रहा क्योंकि इसकी कार्यकारिणी का गठन लोकतांत्रित तरीके न करके राजनैतिक प्रभाव में किया गया है।कार्यकारिणी में 11 अधिकारी सरकारी विभागों से सदस्य रूप में रखे गए हैं जबकि मात्र 7 सदस्य गैर सरकारी हैं।सरकारी सदस्यों में भी जल शक्ति विभाग के एक के बजाए तीन तीन अधिकारी शामिल किए गए हैं। सरकारी सदस्यों की संख्या अधिक होने का कारण वे अपनी मर्जी न्यास के धन को खर्च कर रहे हैं।इस प्रकार लोगों को न्यास में शामिल होकर योजनाएं तैयार करने वंचित रखकर उनके समानता के अधिकार का हनन किया जा रहा है।बैठक में लिए निर्णय के बारे में मुख्यमंत्री हिप्र को पत्र लिखकर लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की अपील की है.
मणिमहेश न्यास का मामला इसलिए भी गरमाया है क्योंकि एडीएएम भरमौर ने न्यास सदस्यों को बैठक की कार्यवाही की प्रति भेजकर सूचित किया है कि सभी पुजारी बारीदारों से बातचीत करके न्यास के बायलाॅज तैयार किए गए हैं जिन्हें मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जा रहा है।जबकि पुजारी बारीदारों की माने तो प्रशासन ने बायलाॅज के प्रारूप पर उनसे कोई चर्चा नहीं की। कुछ न्यास सदस्यों का आरोप है कि न्यास में क्या चल रहा है उन्हें न तो पूछा जाता व न ही कुछ बताया जाता है।