रोजाना24,चम्बा : भरमौर में आए दिन बिजली के कट और फिर बार बार बिजली के जाने से तो लोग परेशान हैं ही लेकिन पीने के पानी में कीड़ों के आने और जगह जगह सीवेज नालियों के रिसाव ने भी लोगों की नाक में दम कर दिया है.
भरमौर में कई वर्षों से बिजली की सैकड़ों ट्रिपिंग आने से व बार बार बिजली कटों से लोगोंके सब्र का बांध टूट रहा है. कभी शिकायत पत्रों से कभी अनौपचारिक फ़ोन कॉल या बातचीत के माध्यम से कई बार इस बारे में शिकायत की जा चुकी है लेकिन बिजली वयवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है. पिछले वर्ष से तो हद ही हो गयी है जब बिजली विभाग ने भरमौर क्षेत्र की 33 के वी लाइन की मुरम्मत के लिए बिजली कट लेना शुरू किया लेकिन कई कट लेने के बाद भी बिजली वयवस्था में सुधार नहीं हो पाया है. इस वर्ष तो हद पार हो रही है,एक तरफ बिजली विभाग 1 या 2 दिन छोड़ के बिजली कट ले रहा है और दूसरी और बचे दिनों में बहुत बार बिजली यूं ही गुल जाती है.
सोशल मीडिया में तो बिजली विभाग के खिलाफ बहुत ही विरोध हो रहा है और बिजली विभाग के ‘मीम’ भी आने शुरू हो गए हैं. लोग इस बात से अत्यंत दुखी हैं कि बिजली विभाग से 6 साल में लाहल से दिनका तक तार बिछाने का कार्य नहीं हो सका और लापरवाही का आलम यह है कि इतनी अधिक समस्या व विरोध के बावजूद अभी भी विभाग इस काम को जल्दी करवाने की कोशिश नहीं कर रहा.
भरमौर के लोगों की समस्या बिजली समस्या तक ही रुक जाती तो शायद लोगों को इतना अधिक अफ़सोस नहीं होता लेकिन यहाँ तो उनके जले पर नमक छिडकने के लिए आए दिन पीने के पानी में गन्दगी आ जाती है और जगह जगह सीवेज का या तो रिसाव हो रहता है या चैम्बर के ऊपर से मल बह निकलता है.
भरमौर मुख्यालय में पेयजल के लिए जो टेंक बने हैं उसमें पानी भरमानी माता मन्दिर के स्वच्छ स्रोत के बजाए इस स्रोत से बने नाले से डाला जा रहा है जिसका पानी गन्दा होता है. पीने के पानी के सैंपल पहले कई बार फेल हो चुके हैं तथा टैंको की गन्दगी की समस्या भी बहुत बार सामने आई है.
2017 में समाज सेवी मोती राम शर्मा ने भरमौर को पीने के पानी के गन्दगी का मुद्दा उठाया था. विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह का गन्दा पानी पीना लोगों के लिए जान लेवा साबित हो सकता है.इस से कई किस्म की भयानक बीमारियाँ हो सकती हैं. 2018 में रोजाना24 ने टैंको की गन्दगी की समस्या व इसमें रसायन मिले होने की खबर को उजागर किया था. लेकिन इन सब बातों के वाबजूद सिंचाई विभाग भरमौर को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने में अक्षम रहा है.
सिंचाई विभाग शायद गाँधी के तीन में से 2 बंदरों की बातें बहुत अच्छी तरह से अनुसरण कर रहा है. ना तो उन्हें टैंकों की गन्दगी और सीवेज का रिसाव दिखाई देता है और ना ही उन्हें लोगों की शिकायतें सुनाई देती हैं. भरमौर के विधायक जिया लाल कपूर ने टैंको का मुयाना कर के उन्हें साफ रखने के आदेश दिए लेकिन लोगों को साफ़ पानी मिलने की उम्मीद कम ही है. लोगों का कहना है कि जब तक उन्हें मुख्य स्रोत से पानी नहीं दिलाया जाता तब तक उन्हें लगातार पीने का सवच्छ पानी नहीं मिल सकता.
उधर तीसरे मामले में सीवेज ने तो इतना बुरा हाल कर दिया है कि लोग यह नहीं समझ पा रहे कि इसकी मुरम्मत के लिए शिकायत किससे करें. क्योंकि कई वर्ष पहले, जब से सीवेज लाइन बनी है तब से ही इसकी समस्या शुरू हो गयी थी. कहीं सीवेज चैम्बर अच्छी तरह से नहीं बने तो कहीं पाइप की प्रॉब्लम हो गयी. फिर रिसाव और ओवरफ्लो का सिलसिला शुरू हो गया. कई लोगों के घरों में भी सीवेज का रिसाव होने लगा. भरमौर के कोने कोने से सीवेज समस्या की शिकायतें शुरू हो गयीं. कई बार तो कई कई दिन तक समस्या का समाधान नहीं हुआ. गांव सचूईं के निवासी उत्तम चंद पुत्र चूनी लाल पिछले दो वर्षों से जल शक्ति विभाग की लापरवाही से परेशान हैं और सीवेज समस्या के समाधान के लिए न्यायालय तक जाने की बात कर चुके हैं. गौरतलब है कि विभाग डेढ़ वर्ष से उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है.
हर साल सीवेज के मुरम्मत के लिए लाखों खर्च होते हैं लेकिन इसकी समस्या का स्थाई समाधान अब तक नहीं हो पाया है. लोग यह नहीं समझ पा रहे कि यह कम क्षमता की और क्षतिपूर्ण सीवेज लाइन भरमौर की सीवेज की समस्या को कैसे स्वच्छ रख पाएगी. सीवेज लाइन के रिसाव से भरमौर की अर्धगंगा तक प्रदूषित हो चुकी है. भरमौर के लोगों की यह मांग जोर पकड़ने लगी है कि सीवेज लाइन को नए सिरे व ज्यादा क्षमता वाली बनाया जाए जिससे सीवेज की समस्या हमेशा के लिए दुरुस्त हो सके.