रोजाना24,चम्बाः कोरोना काल में केंद्र सरकार ने देश के लोगों से पेट्रोल व डीजल मूल्य वृद्धि कर 18 लाख करोड़ रुपये एकत्रित कर लिए हैं.
हिप्र विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र धर्माशाला के एनएसयूआई कैम्पस अध्यक्ष डीके भरमौरी ने आज भरमौर में उपमंडलाधिकारी भरमौर के माध्यम से राष्ट्रपति को इस संदर्भ में ज्ञापन भेजा.
ज्ञापन के माध्यम से एनएसयूआई ने कहा कि वर्ष 2014 में जब भाजपा सरकार ने सत्ता सम्भाली थी तब पैट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.20 रुपये व डीजल पर 3.46 रुपये प्रति लीटर था.लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद पैट्रोल पर 23.78 रुपये प्रति लीटर व डीजल पर 28.37 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ गया है.केवल इन्ही बढ़े उसे पद शुल्क के माध्यम से सरकार ने जनता से 18 लाख करोड़ रुपये की वसूली कर ली है.
डीके भरमौरी ने कहा कि जब देश पर कोविड 19 का संकट आया तो लाखों लोगों के रोजगार छिन गए व लोगों को व्यवसाय तक बंद हो गए लेकिन सरकार ने लोगों पर आई इस मुश्किल घड़ी के चार माह में ही पैट्रोल पर मूल्य व उत्पाद शुल्क 21.50 रुपये व डीजल पर 26.48 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया.जबकि इस दौरान 24 जून को 2020 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 43.41 डॉलर प्रति बैरल अर्थात भारतीय मुल्य अनुसार 20.68 रुपये प्रति लीटर रही.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान कच्चा तेल 108 डॉलर प्रति बैरल था लेकिन उस दौरान सरकार ने कभी पैट्रोल शुल्क बढ़ाकर जनता पर मंहगाई सा बोझ नही पड़ने दिया.
उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की है कि कोरोना काल के दौरान पैट्रो पदार्थों की गई मूल्य वृद्धि को सरकार से वापिस करवाया जाए .